आचार्य उपेन्द्रजी - एक क्रान्तिकारी महानायक एवं आध्यात्मिक सद्गुरु, जो भारत का स्वर्णकाल पुनर्स्थापित करने हेतु निरन्तर कार्यरत युगप्रवर्तक हैं

आचार्य उपेन्द्रजी आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त गुरु, क्रान्तिकारी महानायक

* अंतर योग के संस्थापक, आचार्य उपेन्द्रजी एक कैवल्य अवस्था प्राप्त, जीवन्मुक्त आध्यात्मिक सद्गुरु हैं।

* असीम ज्ञान के स्रोत।

* अद्वैत वेदान्त के जीवित आदर्श।

* सन् २००५ से, भारत को विश्वगुरु और महाशक्ति बनाने के महान लक्ष्य की प्राप्ति हेतु निःस्वार्थ भाव से निरन्तर प्रयासरत।

* श्रीविद्या सिद्धि प्राप्त गुरु।

* निःस्वार्थ प्रेम का मूर्तिमान उदाहरण।

* तन्त्रविद्या में निपुण आचार्य उपेन्द्रजी ने गहन ध्यान और तपस्या के माध्यम से अनेक शक्तिशाली एवं प्रभावी साधनाओं की रचना की है।

आचार्य उपेन्द्रजी आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त गुरु, क्रान्तिकारी महानायक

*   आचार्य उपेन्द्रजी को अनेक दुर्लभ सिद्धियां एवं योग शक्ति प्राप्त है, जैसे – उपचार शक्ति, वाक सिद्धि (वचनों को सत्य में परिवर्तित करने की क्षमता), संकल्प सिद्धि, श्री विद्या सिद्धि, आदि अनेक दिव्य सिद्धियां, जिनके माध्यम से वे विश्व भर में असंख्य लोगों के जीवन को परिवर्तित कर रहे हैं।

*   एक दुर्लभ गुरु, जो योग की चारों शाखाओं – कर्म, भक्ति, ज्ञान और ध्यान – का सम्पूर्ण ज्ञान प्रदान करते हैं। यही कारण है कि सभी साधक बड़ी सहजता से 'अंतर योग जीवनशैली' से संलग्न होते हैं |

*   एक महानायक, जो प्रत्येक व्यक्ति के भीतर छिपी असीम क्षमता को जागृत करते हैं।

*   अनेक साधक आचार्य जी के दिव्य आभामण्डल में भगवान की असीम शक्ति, निर्मल प्रेम और समय एवं भावनाओं से परे की स्थिति का अनुभव करते हैं।

*   लाखों साधक अपने अनुभवों में बताते हैं कि आचार्य जी की दिव्य उपस्थिति मात्र से सभी शंकाओं का निवारण होता है और नकारात्मक गुण सद्गुणों में परिवर्तित हो जाते हैं।

अंतर योग - देश के अद्भुत परिवर्तन का केन्द्र

हमारे सभी सन्तों और गुरुओं के महान लक्ष्य और उद्देश्यपूर्ति का कार्य अंतर योग के द्वारा हो रहा है।

अंतर योग

हमारा उद्दिष्ट:

*   प्राचीन शास्त्रों के शाश्वत ज्ञान को पुनर्जीवित करना।

*   प्राचीन वर्ण व्यवस्था को पुनर्स्थापित करना और भारतीय नागरिकों को जातिव्यवस्था से मुक्त करके महान नेताओं के रूप में स्थापित करना।

*   विश्व शान्ति और सौहार्द्र की भावना प्रतिष्ठापित करना।

*   गुरुकुल प्रणाली को पुनः प्रतिष्ठापित करना, ताकि महान नेताओं का निर्माण हो सके, जो दृढ़ मूल्यों से परिपूर्ण हों और पारम्परिक गुरु-शिष्य तथा राजा-प्रजा परम्पराओं का पुनरुद्धार हो सके।

*   एक गतिशील, ऊर्जावान, दृढ़ इच्छाशक्ति वाली और शक्तिशाली युवा पीढ़ी का निर्माण करना।

*   महिलाओं को वेदान्त का ज्ञान देकर उन्हें सक्षम बनाना, ताकि वे आत्मनिर्भर, स्वतन्त्र और करुणामय व्यक्तित्व बन सकें।

*  नागरिकों को ब्रह्मचर्य के मार्ग पर प्रेरित करना।

*   एक स्वस्थ और आनन्दी भारत की स्थापना के लिए, हमारी प्राचीन समग्र और योगिक चिकित्सा पद्धतियों तथा वैकल्पिक औषधि प्रणालियों को पुनर्जीवित करना और प्रसार करना।

*   प्रत्येक किसान की कृषि उत्पादन में वृद्धि हेतु योगिक खेती प्रविधि का प्रचार करना।

*   आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर व्यक्तियों का निर्माण करना, जो हमारे राष्ट्र के लिए एक बड़े उद्देश्य की ओर प्रयासरत, सङ्घर्ष करने और बलिदान देने के लिए तैयार हों।

*   पर्यावरणीय सन्तुलन के लिए वन्यजीवों का संवर्धन।


अनेक आध्यात्मिक नेता आचार्य उपेन्द्रजी को अपना समर्थन और आशीर्वाद प्रदान कर रहे हैं और आश्वस्त हैं कि अंतर योग इस क्रान्तिकारी परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

सनातन धर्म की पुनर्स्थापना

अंतर योग मन्दिर

*   आचार्य उपेन्द्रजी ने सनातन धर्म के दुर्लभ प्राचीन ज्ञान को हर भारतीय नागरिक तक पहुँचाने और इसे पुनर्जीवित करने का विशाल कार्य अपने हाथों में लिया है।

*   आचार्य जी पिछले २० वर्षों से हमारे प्राचीन शास्त्रों के ज्ञान का निरन्तर प्रसार कर रहे हैं।

*   आचार्य उपेन्द्रजी अद्वैत वेदान्त के उच्चतम सिद्धान्तों को अन्य धर्मों और विश्वासों के साधकों को सिखा रहे है, जिससे वे सनातन धर्म के मूलभूत सिद्धान्तों से जुड़ रहे हैं।

*   इसके परिणामस्वरूप, विश्व भर में अनगिनत लोग सनातन धर्म को अपना रहे हैं, और हमारे धर्म, सङस्कृति, परम्पराओं तथा पूर्वजों के प्रति सम्मान की भावना बढ़ रही है।

*   आचार्य उपेन्द्रजी द्वारा स्थापित अंतर योग गुरुकुल का मन्दिर सनातन धर्म का प्रतीक है, जो सभी धर्मों का आधार है।


छायाचित्र विवरण: अंतर योग गुरुकुल में स्थित मन्दिर सनातन धर्म के सार को दर्शाता है।

वर्ण व्यवस्था की पुनर्स्थापना से भेदभाव रहित समाज का निर्माण

*   आचार्य जी सभी जातियों के लोगों को प्राचीन वर्ण व्यवस्था का वास्तविक अर्थ सिखा रहे हैं और उन्हें उच्च आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान कर रहे हैं।

*   लाखों लोग वर्ण व्यवस्था के सिद्धान्तों का पालन कर रहे हैं, जिससे जाति व्यवस्था का उन्मूलन हो रहा है।

*   आचार्य जी कहते हैं, "जब वर्ण व्यवस्था हमारे शास्त्रों के अनुसार पुनः स्थापित होगी, तो जाति व्यवस्था से उत्पन्न सभी समस्याएँ समाप्त हो जाएँगी।"

अगस्त्य नाड़ी ज्योतिष और अन्य गुरु आचार्य उपेन्द्रजी की दिव्यता को पहचानते हैं और सम्मानित करते हैं


*   आचार्य जी के पास भारत को विश्वगुरु बनाने की अनोखी योजना तैयार है। यह कई आध्यात्मिक नेताओं द्वारा प्रमाणित किया गया है।  अगस्त्य महर्षि नाड़ी ज्योतिष, हमारे देश के चमत्कारी परिवर्तन में आचार्य जी की महत्वपूर्ण भूमिका की भविष्यवाणी करता है।

*   अगस्त्य महर्षि नाड़ी ज्योतिष की भविष्यवाणियों में कहा गया है कि आचार्य उपेन्द्रजी स्वयं अगस्त्य महर्षि के अवतार हैं। आने वाले वर्षों में, कई आध्यात्मिक सङ्गठन और नेता राष्ट्र के सुधार के लिए आचार्य जी के साथ सहयोग करेंगे।

*   कई सन्तों ने आचार्य उपेन्द्रजी की दिव्यता का अनुभव किया है और भारत के प्रति उनके असाधारण कार्यों की प्रशंसा की है।





Maharshi Agastya

बाल्यकाल से ही, कई आध्यात्मिक नेताओं और नाड़ी ज्योतिष की भविष्यवाणियों ने सङ्केत दिया है कि आचार्य जी के माध्यम से ही कई अद्भुत कार्य पूर्ण होंगे, जैसे:

*   हमारे देश भारत को विश्व गुरु और महाशक्ति के रूप में उसकी प्राचीन गौरवशाली स्थिति में पुनः स्थापित करना।

*   गहन आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करके चारों वर्णों को एकजुट करते हुए जाति आधारित भेदभाव का उन्मूलन।

*   सनातन धर्म के प्राचीन ज्ञान को पुनर्जीवित और प्रसार करना।

एक जागृत गुरु जो देश में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रहे हैं

*   आचार्य उपेन्द्रजी विभिन्न गीताएँ, उपनिषद, पुराण, वेद, उपवेद, अर्थशास्त्र, ब्रह्म सूत्र, नारद भक्ति सूत्र और विभिन्न धर्मों के शास्त्रों का ज्ञान सिखाते हैं।

*   आचार्य जी लुप्त हुए प्राचीन ज्ञान को पुनर्जीवित कर रहे हैं और गणेश विद्या, पितृ ऋण मुक्ति, श्रीविद्या, नवरात्रि, सङ्कल्प सिद्धि, ब्रह्मचर्य, शास्त्रोक्त दान, आहार, नवग्रह जैसे विषयों पर अद्वितीय प्रवचन दे रहे हैं।

*   उनके कई ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रवचन, विश्व भर के साधकों को १५ दिनों से भी अधिक समय तक प्रति दिन १० घण्टे से अधिक समय तक जोड़े रखते हैं।

*   लाखों साधक आचार्य जी के असाधारण वक्तृत्व कौशल और विचार उत्तेजक प्रवचनों से मन्त्रमुग्ध हो जाते हैं, जो साधकों के जीवन में तुरन्त परिवर्तन लाने में सक्षम हैं।

आचार्य उपेन्द्र जी द्वारा उपदिशित विभिन्न गीता

भारत के नागरिकों को उनके कुण्डली के सबसे बड़े दोष - पितृ दोष से मुक्ति दिलाना

*   पिछले १८ वर्षों से आचार्य उपेन्द्रजी, सामूहिक स्तर पर पितरों को मुक्त करने का दिव्य कार्य कर रहे हैं। यह अद्वितीय कार्य आज विश्व भर में कहीं और नहीं किया जा रहा है।

*   लगभग ९०% भारतीयों की कुण्डली में पितृ दोष या पितृ ऋण होता है। इस दोष से देश के नागरिकों को मुक्त कराने के लिए, आचार्य उपेन्द्रजी हर साल पितृ पक्ष के दौरान ‘अंतर योग पितृ ऋण मुक्ति शिविर’ का आयोजन करते हैं।

*   यह शिविर शक्तिशाली साधना और प्राचीन आध्यात्मिक ज्ञान का एक दुर्लभ सङ्गम है, जो पितरों को तत्काल मुक्ति प्रदान करता है और लाखों साधकों को पितृ दोष और पितृ ऋण से मुक्त होने में सहायता करता है।

*   यह जीवन की सभी बाधाओं को दूर करता है और जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे व्यापार, वैवाहिक जीवन, सन्तान प्राप्ति, न्यायालयीन प्रकरण, स्वास्थ्य आदि में तेजी से प्रगति करने में सहायता करता है।

*   परिणामस्वरूप, लाखों साधक अपनी दैनिक चिन्ताओं से ऊपर उठकर राष्ट्र और विश्व की सेवा जैसे उच्च उद्देश्य की ओर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं।

*   लाखों लोगों के लिए ‘अंतर योग पितृ ऋण मुक्ति शिविर’ आयोजित करना कोई साधारण कार्य नहीं है; यह केवल दिव्य शक्ति से ही सम्भव है।

*   इतना ही नहीं, आचार्य उपेन्द्रजी नागरिकों को काला जादू और दुष्ट शक्तियों के प्रभाव से बचाने, रक्षा करने और उससे मुक्ति दिलाने की अद्वितीय क्षमता रखते हैं, जो केवल एक ही साधना के माध्यम से सम्भव है।


फ्री प्रेस जर्नल, देश के एक प्रमुख समाचार पत्र ने ‘अंतर योग पितृ ऋण मुक्ति शिविर’ की विशिष्टता पर एक लेख प्रकाशित किया है। पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें:
https://tiny.cc/antaryog-prm-news



आचार्य उपेन्द्रजी के मार्गदर्शन में श्राद्ध करते हुवे साधक

आचार्य उपेन्द्रजी का बाल्यकाल से गहन और कठोर तपस्यात्मक जीवन

गहन ध्यान में मग्न आचार्य उपेन्द्रजी

*   आचार्य जी से प्रकट होने वाली दिव्यता और तेजस्विता का अनुभव जो आज असंख्य साधक करते हैं, वे उनके जीवनभर की अनेक कठोर तपस्याओं का परिणाम है।

*   आचार्य जी ने २४ घण्टे लगातार बिना जल और भोजन के महाशक्तिशाली ‘महामृत्युञ्जय मन्त्र’ का जाप करते हुए गहन तपस्या की है।

*   आचार्य जी ने करोड़ों बार गणेश मन्त्रों का जाप और लाखों बार नवग्रह मन्त्रों का जाप पूर्ण किया हैं।

*   अडिग ध्यान के साथ आचार्य जी ने विश्व कल्याण के लिए लगातार १०० से अधिक बार हनुमान चालीसा का पाठ किया है।

*   इस प्रकार, आचार्य जी ने अनेक अन्य शक्तिशाली मन्त्रों पर गहन तपस्याएँ की है और विभिन्न योगिक शक्तियाँ प्राप्त की हैं।

अंतर योग महादान - हमारे शास्त्रों के अनुसार अनगिनत सुपात्र जीवों की सेवा

अंतर योग महादान

*   आचार्य उपेन्द्रजी के मार्गदर्शन में, अंतर योग नियमित रूप से 'महादान' का भव्य दिव्य आयोजन करता है।

*   आचार्य जी शास्त्रों के अनुसार दान देने की उचित विधि सिखाते हैं।

*   इस दान पद्धति का पालन करके, साधक अपने पूर्व जन्मों के कर्मों से मुक्त हो जाते हैं, जिससे वे समृद्ध और यशस्वी जीवन जीते है।

*   अपने समाज के नौ वर्गों – सन्यासी, ब्राह्मण, बच्चे, अनाथ, दिव्यांग, विवाहित महिलाएँ, गरीब, वरिष्ठ नागरिक और रोगग्रस्त व्यक्ति – की नियमित रूप से अन्न और अन्य जीवन आवश्यक वस्तुओं का दान देकर सेवा की जाती है। यह सेवा निःस्वार्थ प्रेम और एकात्मता की भावना से की जाती है।

*   आचार्य उपेन्द्रजी कहते हैं, “यह संसार लेने वालों में नहीं, देने वालों में रुचि रखता है; इसलिए देने वाले बनो।”



आचार्य उपेन्द्रजी ने विश्व कल्याण के लिए शक्तिशाली दुर्गा सप्तशती बीज मन्त्र साधना की रचना की

अंतर योग दुर्गा सप्तशती

*   आचार्य उपेन्द्रजी, जो दिव्य तन्त्र विद्या के सिद्ध विशेषज्ञ हैं, उन्होंने वर्षों की गहन ध्यान और तपस्या के माध्यम से कई शक्तिशाली और प्रभावी साधनाओं की रचना की है। ऐसी ही एक अद्भुत शक्तिशाली साधना है, ‘अंतर योग श्री दुर्गा सप्तशती तन्त्रोक्त बीज मन्त्र साधना।’

*   यह ७०० श्लोकों वाली शक्तिशाली साधना इतिहास की सबसे अद्वितीय रचनाओं में से एक मानी जाती है।

*   विश्व भर के हजारों साधक यह साधना कर रहे हैं, जो एक साथ शक्ति, समृद्धि और विवेकबुद्धि को आकर्षित कर रहे हैं।

*   तीन वर्षों की निरन्तर और कठोर तपस्या करके आचार्य उपेन्द्रजी ने इस दिव्य साधना से योगिक सिद्धियाँ प्राप्त की हैं और अब वे इसे निःस्वार्थ भाव से संसार में प्रसारित कर रहे हैं।

*   आचार्य उपेन्द्रजी कहते हैं कि यदि हमारे देश की कुल जनसंख्या के केवल २% लोग यह साधना सामूहिक और नियमित रूप से करें, तो महामारी जैसी आपदाएँ समाप्त होंगी, अपराध दर कम होगा और देश में धार्मिक सद्भावना बढ़कर शान्ति प्रस्थापित होगी।

*   कोविड १९ महामारी के दौरान इस साधना के जाप के कारण, असंख्य नागरिकों ने रोग के प्रभाव को रोकने वाले एक सुरक्षा कवच का अनुभव किया

विशेष ज्ञान और साधना सत्रों के माध्यम से असङ्ख्य साधकों में त्वरित परिवर्तन लाना

अंतर योग दुर्गा सप्तशती

*   आचार्य उपेन्द्रजी ‘अभी और यहीं’ परिणाम देने में विश्वास रखते हैं। लाखों साधकों ने आचार्य जी द्वारा आयोजित विशेष ज्ञान और साधना सत्रों में त्वरित परिणाम का अनुभव किया है।

*   ज्ञानसत्र, शिविर और अन्य कार्यक्रमों के दौरान, अनेक साधकों ने गहरी मानसिक शान्ति, चमत्कारी उपचार, आध्यात्मिक उन्नति, लम्बे समय से अटके हुए कार्यों का त्वरित समाधान, शत्रुओं का मित्रों में परिवर्तन, आर्थिक उन्नति और अन्य कई लाभों का अनुभव किया है।

*   आचार्य उपेन्द्रजी कहते हैं, ‘यदि अंतर योग में चमत्कार न हों, तो यह आश्चर्य की बात है। चमत्कार देखकर मत झुको। यदि आप सम्पूर्ण शरणागति और श्रद्धा से झुकते हैं, तो आप स्वयं ही चमत्कारों का अनुभव करेंगे।’ यही कारण है कि अंतर योग में साधक निरन्तर चमत्कार देखते हैं।


हमारे भारत और उसके नागरिकों की रक्षा के लिए विनामुल्य सामूहिक ध्यान सत्र

*   पिछले चार वर्षों से, अंतर योग ऑनलाइन ध्यान और जाप सत्र आयोजित कर रहा है, जहाँ विश्व भर से लाखों साधक आचार्य उपेन्द्रजी के साथ दैनिक ध्यान करने के लिए एकत्रित होते हैं।

*   आचार्य जी नियमित रूप से विश्व कल्याण के लिए समर्पित शक्तिशाली साधना सत्र, जैसे दुर्गा सप्तशती साधना, विश्व शान्ति ध्यान, महामृत्युञ्जय मन्त्र जाप, गणेश मन्त्र जाप और अन्य कई साधनाओं का आयोजन करते हैं।

*   इन सत्रों में भाग लेने वाले साधक मन:शान्ति, समृद्धि, असाध्य रोगों का उपचार, नकारात्मक प्रवृत्तियों पर विजय आदि का अनुभव करते हैं, जो वे वेदान्त के ज्ञान और मोक्ष की जागृत इच्छा के माध्यम से प्राप्त करते हैं।

*   साधक इन सत्रों के माध्यम से कार्यक्षमता और ऊर्जा में वृद्धि सहित अन्य कई लाभ भी अनुभव कर रहे हैं।

२०२२-२३ में, आचार्य जी ने असंख्य साधकों के साथ मिलकर महामृत्युंजय मन्त्र का सामूहिक रूप से सव्वा तीन करोड़ और व्यक्तिगत रूप से सव्वा लाख लाख जाप का दिव्य महा सङ्कल्प पूर्ण किया।

२०२२-२३ में, आचार्य जी ने असंख्य साधकों के साथ मिलकर महामृत्युंजय मन्त्र का सामूहिक रूप से सव्वा तीन करोड़ और व्यक्तिगत रूप से सव्वा लाख लाख जाप का दिव्य महा सङ्कल्प पूर्ण किया।

भारत के सुवर्ण युग को पुनर्स्थापित करने के लिए हमारे राष्ट्र के मूलस्तम्भ युवा वर्ग में त्वरित परिवर्तन लाना

*   आचार्य जी युवाओं के भीतर छिपी असीम क्षमता को उजागर कर रहे हैं और उन्हें राष्ट्र कल्याण के लिए सक्षम बना रहे हैं।

*   बढ़ती हुई ब्रेन ड्रेन की समस्या को रोकने हेतु, आचार्य जी युवाओं में देशभक्ति की भावना जाग्रत कर रहे हैं और उन्हें उच्च उद्देश्यों की ओर प्रेरित कर रहे हैं।

*   आचार्य जी प्रत्येक नागरिक में सनातन धर्म का गहरा ज्ञान सञ्चारित कर रहे हैं, जिससे ऐसी मानसिकता विकसित हो रही है जो धर्मों की सभी दीवारों को पार करने में सक्षम है। इससे लाखों नागरिकों के भीतर राष्ट्र के प्रति सच्चे प्रेम की भावना प्रज्वलित हो रही है।

*   आचार्य जी का युवा, गतिशील और मैत्रीपूर्ण व्यक्तित्व उन्हें युवाओं के लिए एक आदर्श प्रेरणास्त्रोत बनाता है।

हमारे देश के लिए दूरदर्शी नेताओं का निर्माण होने के उद्देश्य से गणेश कोटि मूल मन्त्र जप यज्ञ का भव्य संकल्प

*   जनवरी २०२४ से, आचार्य जी गणेश कोटी मूल मन्त्र जप यज्ञ सत्रों का आयोजन कर रहे हैं, जिसमें सामूहिक रूप से ८ करोड़ से अधिक और व्यक्तिगत रूप से २ लाख से अधिक शक्तिशाली गणेश मूल मन्त्रों का जाप करने का दिव्य महा संकल्प किया  है।

*   यह साधना ज्ञान वृद्धि, विवेकबुद्धि वर्धित करने, नेतृत्व गुणों को विकसित करने और जीवन में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने में अत्यन्त प्रभावी है।

*   यह सामूहिक तप हमारे देश के नागरिकों के लिए एक रक्षात्मक कवच तैयार कर रहा है, जो कठिन समय में सात्विक व्यक्तियों की सुरक्षा करता है।

आचार्य उपेन्द्रजी, गुरुमाँ नीता ताई और रूपा ताई गणेश कोटि मूल मन्त्र जप यज्ञ के अवसर पर भगवान श्रीगणेश की पूजा, साधना, यज्ञ और अभिषेक करते हुए


आचार्य उपेन्द्रजी, गुरुमाँ नीता ताई और रूपा ताई गणेश कोटि मूल मन्त्र जप यज्ञ के अवसर पर भगवान श्रीगणेश की पूजा, साधना, यज्ञ और अभिषेक करते हुए


हमारे देश के लिए असाधारण नेताओं का निर्माण

*   आज के समय में, भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए दृढ इच्छाशक्ति वाले शक्तिशाली नेताओं और नागरिकों का निर्माण करने की अत्यधिक आवश्यकता है।

*   आचार्य जी वाणिज्य, राजनीति और आध्यात्म जैसे क्षेत्रों में दूरदर्शी नेताओं का निर्माण कर रहे हैं, जो हमारे राष्ट्र के समग्र विकास के लिए समर्पित हैं और दृढ़ आध्यात्मिक मूल्यों के आधार पर अपना जीवन व्यतीत करते हैं।

*   आचार्य जी के प्रभावशाली ज्ञान और साधना सत्र नागरिकों को विकसित कर रहे हैं, जो निःस्वार्थ भाव से हमारे राष्ट्र की सेवा करने और उच्च नैतिक मूल्यों को बनाए रखने के प्रति समर्पित हैं।

ब्रह्मचर्य के ज्ञान से हमारे देश के नागरिकों का परिवर्तन

ब्रह्मचर्य

*   आचार्य उपेन्द्रजी सभी आयु वर्ग के लोगों को ब्रह्मचर्य के महत्वपूर्ण सिद्धान्त सिखाते हैं, जिन्हें वे वैज्ञानिक प्रमाणों और वास्तविक जीवन के उदाहरणों के माध्यम से सरल और प्रभावी ढङ्ग से प्रस्तुत करते हैं, उससे तत्काल परिवर्तन होता है।

*   आज के समाज में, विवाहबाह्य सम्बन्ध, लिव-इन रिलेशनशिप, बहुविवाह और समलैंगिक विवाह जैसी समस्याएँ तेजी से बढ़ती जा रही हैं, जो हमारे देश की प्रगति में बड़ी गम्भीर बाधाएँ खड़ी कर रही हैं।

*   आचार्य जी की शिक्षाएँ, विशेष रूप से युवाओं में, ब्रह्मचर्य के प्रति फैली भ्रान्तियों और गलत धारणाओं को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

*   उनके मार्गदर्शन से अब युवा अनैतिक सम्बन्धों को त्यागकर सदाचारपूर्ण और नैतिक जीवन अपनाने की ओर अग्रसर हो रहे हैं

सदियों से उत्पीड़ित महिलाओं के लिए उज्ज्वल भविष्य का निर्माण

गुरुमाँ नीता ताई महिलाओं को उनके उचित कर्तव्यों और असीम क्षमताओं के बारे में सम्बोधित करते हुए

*   आचार्य उपेन्द्रजी नियमित रूप से ऐसे प्रवचन करते हैं जो हजारों महिलाओं के लिए वेदान्त का मार्ग प्रशस्त करते हैं और उन्हें सक्षम, सशक्त, आत्मनिर्भर, स्वावलम्बी और करुणामय व्यक्तित्व बनाने के लिए प्रेरित करते हैं।

*   आचार्य जी की अनूठी शिक्षण शैली के कारण, आज की आधुनिक महिलाएँ भी प्राचीन आध्यात्मिक ज्ञान को सहजता से सिख रही हैं।

*   अंतर योग की संस्थापक, गुरुमाँ नीता ताई और रूपा ताई महिलाओं के लिए प्रेरणादायक आदर्श हैं और वे अनेकों महिलाओं के जीवन में महत्वपूर्ण सकारात्मक बदलाव ला रही हैं, उन्हें सशक्त बना रही हैं।

*   भारत की सर्वांगीण प्रगति के लिए, अंतर योग देशभर में महिलाओं को सशक्त बनाने में अमूल्य योगदान दे रहा है।


भारत को विश्व की आर्थिक महासत्ता बनाने की दिशा में कदम

गुरुमाँ नीता ताई श्रीयन्त्र पर देश की समृद्धि के महा सङ्कल्प के साथ शुभ अभिषेक करती हुईं

*   आज के समय में, धनिक अधिक धनवान और निर्धन अधिक निर्धन होते जा रहे हैं। आचार्य जी पिछले २० वर्षों से निःस्वार्थ भाव से श्रीविद्या का ज्ञान हर घर तक पहुँचाने के लिए कार्यरत हैं, जिससे लाखों लोग तत्काल सफलता प्राप्त कर आर्थिक रूप से स्वतन्त्र जीवन जी रहे हैं।

*   धनिक और निर्धन के बीच का अन्तर बढ़ रहा है, फिर भी आचार्य जी की अद्भुत शिक्षाएँ और श्रीविद्या की दीक्षा इस अन्तर को कम करने में सहायक हो रही है।

*   भारत का गौरवशाली सुवर्ण काल पुनः स्थापित करने का आचार्य जी का दृष्टिकोण हमारे देश की आर्थिक प्रगति में योगदान दे रहा है।

*   आचार्य जी अर्थशास्त्र, आधुनिक निवेश तकनीकों आदि का ज्ञान सिखा रहे हैं, जिससे हमारे नागरिक असीमित धन आकर्षित कर आर्थिक रूप से स्वतन्त्र बन सकें।

हमारे देश भारत की प्रगति के आधारस्तम्भ किसानों को सशक्त बनाना

‘मन आहार से पोषित होता है।’ - छान्दोग्य उपनिषद ६.६.५

*   आचार्य उपेन्द्रजी ने एक अद्वितीय योगिक कृषि तन्त्र का प्रवर्तन किया है, जो फसल उत्पादन को दो से आठ गुना तक बढ़ा देती है।

*   इस नवीन विधि की क्षमता फसल उत्पादन को बढ़ाकर किसानों के आर्थिक बोझ को काफ़ी हद तक कम कर देगी, जिससे हमारे देश में व्याप्त किसानों की आत्महत्या की समस्या का समाधान होगा।

*   इससे सुखी, तनावमुक्त और समृद्ध किसान तैयार होंगे, जो सात्विक मानसिकता के साथ फसल का उत्पादन करेंगे।

*   ये पोषक, जैविक और शुद्ध उत्पादन हमारे नागरिकों को स्वस्थ और रोगमुक्त जीवन जीने में सक्षम बनाएंगे।

अन्धविश्वास मिटाने के लिए विज्ञान और अध्यात्म का समन्वय

*   भगवद्गीता के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण बताते हैं कि आध्यात्मिक ज्ञान को विज्ञान और तर्क के साथ सिखाया जाना चाहिए।

*   यह सर्वविदित है कि हमारे पूज्यनीय ऋषि-मुनि और सन्त महान वैज्ञानिक थे, जिन्होंने वैज्ञानिक ज्ञान को व्यावहारिक दृष्टिकोण से सिखाया।

*   आचार्य जी हमारे शास्त्रों के पीछे का विज्ञान अन्य धर्मों के अनुयायियों को भी समझाते हैं। इसलिए, सभी धर्मों के अनुयायियों को सन्तोष का अनुभव होता हैं।

*   आचार्य उपेन्द्रजी की यह क्रान्तिकारी शिक्षण पद्धति बुद्धिजीवियों, वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखने वालों और विभिन्न विचारधाराओं तथा विश्वासों के साधकों को उनके सभी प्रश्नों के उत्तर खोजने में सहायता करती है, जिससे वे अपनी आध्यात्मिक यात्रा में आगे बढ़ते  हैं।

*   आचार्य जी सभी आयु, लिंग, व्यवसाय, धर्म और विश्वास के लोगों के साथ सहजता से जुड़ जाते हैं।

एक स्वस्थ और समृद्ध भारत के लिए समग्र उपचार पद्धति का प्रचार-प्रसार करना

*   आचार्य जी अपने विशेष सत्रों के माध्यम से समग्र उपचार का प्रचार-प्रसार करते हैं, जैसे कि "हीलिंग का विज्ञान", जिसमें प्राचीन उपचार तकनीकों और आधुनिक उपचार विधियों का सम्मिलन कर एक स्वस्थ और समृद्ध भारत की दिशा में कार्यरत हैं।

*   इन सत्रों में भाग लेने से, प्रतिभागी असाध्य रोगों से तत्काल और स्थायी उपचार प्राप्त करते हैं तथा अपने रोगों के मूल कारणों के बारे में आध्यात्मिक ज्ञान अर्जित करते हैं।

*   लाखों साधक कैंसर, उच्च रक्तचाप, हृदय विकार, थायरॉयड, मधुमेह आदि गम्भीर रोगों के साथ-साथ फ्रोजन शोल्डर, सर्दी-जुकाम आदि सामान्य रोगों से पूरी तरह ठीक हो चुके हैं।

*   इन सत्रों के माध्यम से, साधक अपने स्वास्थ्य, धन, व्यवसाय, नातेसम्बन्ध और अन्य पहलुओं से जुड़ी समस्याओं का त्वरित समाधान प्राप्त करते हैं।

*   'साइंस ऑफ हीलिंग' सत्रों के दौरान लाखों प्रतिभागियों द्वारा अनुभव किए गए ‘अभी और यहीं’ परिणामों का रहस्य आचार्य जी की दिव्य उपचार शक्ति है।

हमारे यूट्यूब प्रसार माध्यम पर हमारे साधकों के शक्तिशाली आरोग्यकारी अनुभवों के साक्ष्य देखें:
https://youtube.com/@AntarYogFoundationOfficial

आचार्य उपेन्द्रजी - एक क्रान्तिकारी महानायक एवं आध्यात्मिक सद्गुरु, जो भारत के सुवर्णकाल की पुनर्स्थापित करने हेतु निरन्तर प्रयासरत, कार्यरत, युग प्रवर्तक हैं

*   आचार्य जी हमारे राष्ट्र के प्रकाशस्तम्भ हैं और लाखों लोगों को विपरीत परिस्थितियों का साहसपूर्वक सामना करने के लिए प्रेरित करते हैं।

*   अंतर योग दुर्गा सप्तशती तन्त्रोक्त बीज मन्त्र साधना की रचना की।

*   लाखों साधकों को आन्तरिक शान्ति प्राप्त करने और महान लक्ष्यों की ओर जीवन जीने के लिए मार्गदर्शन करते हैं।

*   गणेश विद्या, संकल्प सिद्धि, पितृ ऋण मुक्ति, आत्म उपचार तन्त्र, कौटिल्य का अर्थशास्त्र, चाणक्य नीति, विभिन्न उपनिषद, कई पुराण और विभिन्न गीताएँ आदि प्राचीन ग्रन्थों को पुनर्जीवित किया है, जो विश्व कल्याण के लिए समर्पित है।

*   आचार्य जी की अटल देशभक्ति आयु, धर्म और आर्थिक पृष्ठभूमि की सभी बाधाओं को पार कर लाखों नागरिकों में देशभक्ति की भावना पुनर्जीवित कर रही है।

*   हमारे देश के युवाओं को भविष्य के नेता बनने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करते हुए भारत के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण कर रहे हैं।

*   आचार्य जी के विचार उत्तेजक प्रवचन साधकों को घण्टों तक जोड़कर रखते हैं, परिणामस्वरूप उनमे त्वरित सकारात्मक परिवर्तन होते है।


*   आचार्य जी अध्यात्म को संवादात्मक शिक्षण विधियों और सरल व प्रासंगिक उदाहरणों के माध्यम से सिखाते हैं, जिससे सभी आयु वर्ग के साधक एक ही कक्षा में आनन्दपूर्वक वेदान्त का अध्ययन कर पाते हैं

*   लाखों नागरिकों, विशेषतः युवाओं में राष्ट्रभक्ति की भावना जागृत कर, राष्ट्रीय गर्व की भावना को सुदृढ़ करना।

*   मानवता के उत्थान की तीव्र इच्छा से प्रेरित होकर, आचार्य जी यथाशक्ति दक्षिणा (अपनी वास्तविक आय क्षमता के अनुसार) के सिद्धान्त पर आधारित दीर्घकालिक शिविर निःस्वार्थ रूप से आयोजित करते हैं।

*   आचार्य जी का कार्य उनकी सर्वशक्तिमान, असीम उदार भावना और विनम्रता का प्रमाण है।

*   युवाओं, वैज्ञानिकों, धार्मिक या धर्मनिरपेक्ष, सामान्य जनों, विभिन्न समाजों और नास्तिकों को उनके 'नर से नारायण' की यात्रा में प्रगति करने में सहायता करते हैं।

*   आचार्य जी का जीवन अनगिनत साधकों के लिए शुद्ध प्रेम, ज्ञान और कर्मयोग का एक जीवित उदाहरण है।

अंतर योग - भारत के अद्भुत परिवर्तन का केन्द्र

मुम्बई शहर के हृदय में स्थित एक अत्याधुनिक गुरुकुल।

अंतर योग गुरुकुल के निर्माण के दौरान यन्त्रों की पवित्र स्थापना के साथ किया गया शक्तिशाली यज्ञ
अंतर योग सेवा दल, अपने देश भारत की सेवा के लिए समर्पित
अंतर योग के साधक, आचार्य उपेन्द्रजी द्वारा संचालित जागरूकता प्रवचन को ध्यान से सुनते हुए